मैं रबर स्टांप नहीं हूं : आरिफ मोहम्मद खान
तिरुवनंतपुरम। स्थानीय स्वशासी सरकारों (एलएसजी) में निकायों की संख्या बढ़ाने के केरल सरकार के अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से मना करने के बाद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को कहा कि वह कोई रबर स्टांप नहीं हैं और ऐसे मामलों में अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे।
राज्यपाल ने कहा, मैंने कुछ सवाल उठाए हैं और मुझे इन सवालों के जवाब चाहिए। इसके बाद मैं अपने विवेक का इस्तेमाल करुंगा। अध्यादेश पर अपने रुख पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा, मैंने कभी हस्ताक्षर करने से मना नहीं किया, लेकिन मुझे ऐसे मामलों में स्पष्टता चाहिए। मुझे इस विषय की गहन जानकारी के लिए और वक्त की आवश्यकता है।
Hon'ble Governor Shri Arif Mohammed Khan with inmates of various homes of GandhiBhavan, Pathanapuram, Kerala. "#GandhiBhavan impresses me with the spirit of service and the secular community life it offers to inmates, from the age of 1 to 105 years", Hon'ble Governor said. pic.twitter.com/dlE2f06hqq
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) January 15, 2020
राज्यपाल ने अपना मत रखते हुए कहा कि सरकार अध्यादेश को विधानसभा में लाकर उस पर चर्चा कराए और विपक्ष की सहमति के साथ इसे सदन से पारित करवा ले। इससे पहले विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने आरोप लगाया कि स्थानीय निकाय वार्डों का पुनर्गठन जनगणना संबंधित प्रक्रियाओं पर प्रभाव डालेगा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समर्थित वाम मोर्चा सरकार 2015 की वोटर लिस्ट के आधार पर एलएसजी मतदान कराने का समर्थन कर रही है। विपक्ष के नेता ने राज्यपाल से 2021 की जनगणना पूरी होने तक इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं करने की अपील की थी।
गौरतलब है कि वाम सरकार 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया को पूरा करने की योजना बना रही थी। ऐसी रिपोर्टें भी हैं कि जनगणना आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया पूरी नहीं करने के लिए कहा था।